बिल गेट्स ने मोदी का इंटरव्यू लिया: PM बोले- गलत हाथों में AI नहीं आना चाहिए, इसके दुरुपयोग का खतरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अकुशल और अप्रशिक्षित हाथों में कृत्रिम मेधा (AI) जैसी शक्तिशाली प्रौद्योगिकी के जाने और इसके दुरुपयोग के खतरे के प्रति आगाह किया और समाज में गलत सूचना और ‘डीपफेक’ से संबंधित नुकसान पर अंकुश लगाने के लिए एआई-जनित सामग्री के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ को लेकर एक स्पष्ट प्रावधान की वकालत की।
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और अरबपति समाजसेवी बिल गेट्स के साथ एक संवाद में मोदी ने इस पर विस्तार से बात की कि कैसे भारत ने अपने नागरिकों के हित में प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रिकरण किया है, जीवन में सुधार के लिए डिजिटल की शक्ति को अपनाया है। उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि देश चौथी औद्योगिक क्रांति में उल्लेखनीय प्रगति करेगा, जिसके मूल में डिजिटल है।
AI से लेकर डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तक कई विषयों पर चर्चा के दौरान, मोदी ने कहा कि डीपफेक के मामले में यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि एक विशेष डीपफेक सामग्री एआई-जनित है। इसके साथ ही इसके स्रोत के बारे में उचित जानकारी होनी चाहिए।
एक समाज में AI के नुकसान और डीपफेक के खतरों का हवाला देते हुए उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि उनकी आवाज का भी दुरुपयोग हो सकता है और इसके जरिए लोगों को धोखा दिया जा सकता, उन्हें गुमराह किया जा सकता है, जिससे व्यापक हंगामा हो सकता है।
उन्होंने कहा, ”इसकी पहचान करना महत्वपूर्ण है कि डीपफेक सामग्री एआई-जनित है और साथ ही इसके स्रोत का भी। शुरुआती दिनों में ये उपाय महत्वपूर्ण हैं। हमें, ‘क्या करें और क्या न करें’ तय करने की आवश्यकता है … हमें इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा।”
प्रधानमंत्री ने एआई जैसी शक्तिशाली प्रौद्योगिकी को अकुशल और अप्रशिक्षित हाथों में जाने पर इसके दुरुपयोग के खतरों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ”मेरा सुझाव है कि हमें गलत सूचना को रोकने के लिए एआई-जनित सामग्री पर स्पष्ट प्रावधान करने होंगे।”
कृत्रिम मेधा (AI) के मुद्दे पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसे कोई जादुई उपकरण या कुछ काम करने के लिए लोगों के आलस्य के विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
उन्होंने एआई के इस्तेमाल को रेखांकित करते हुए गेट्स से नमो ऐप के जरिए सेल्फी लेने को कहा और फिर दिखाया कि चेहरा पहचानने वाली प्रौद्योगिकी के जरिए इसका पता कैसे लगाया जा सकता है।
एआई के बारे में मजाकिया अंदाज में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में माताओं को ‘आई’ (AI से मिलता-जुलता एक शब्द) कहा जाता है और यहां बच्चे इतने उन्नत हो गए हैं कि वे जीवन में बहुत पहले ही हाई-टेक शब्द का उपयोग करना शुरू कर देते हैं।